What is Communication skills? And how to improve communication skills
Way of speaking (communication skills)
1 . Tone of voice (बोलने में तमीज)
2 . Language (आपकी भाषा)
3 . Fluency of language (भाषा का प्रवाह)
4 . Expression of body (शारीरिक हाव-भाव)
5 . Time to speak (बोलने का समेय)
6 . Limit of speaking (कितना बोले)
1 . Tone of voice -
start करते है। तो हमे लहजे (तमीज) से बात करनी चाहिए। इससे फर्क नहीं पड़ता कि वह व्यक्ति आपसे उम्र में बड़ा है या छोटा। बड़ो से तो हम अच्छे से ही बोलते है! लेकिन जो हमसे उम्र में छोटे है! उनसे भी हमे तमीज से बोलना चाहिए। क्योंकि जब हम ऐसा करते हैं! तो भी हमासे तमीज से पेस आते है।
2 . Language -
भाषा communication में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसलिए बोलने में उसी भाषा का प्रयोग करे! जो आपको और सामने वाले व्यक्ति दोनों को आती हो। नहीं तो कचरा हो सकता हैं आपका।
3 . Fluency of language -
हो सकता हैं! की आपको एक से अधिक भाषा आती हो। पर जब आप बोलने ही वाले हो और वह भाषा जो आप किसे खास व्यक्ति से बात करने के लिए सीखी हो। पर अचानक से कुछ और शब्द ही बाहर आए। यानी कि आपकी मातृभाषा के कुछ शब्द बोल दे।
तो इससे अच्छा है कि आप उसी भाषा का प्रयोग करे जो आपको अच्छे से आती हो।
जिसमे आप fluently बोल सकते है।
4 . Expressions of body -
अब यह हो सकता है। की आपने उपर दिए गए सभी शुझव ठीक तरह से पेस किए हो। लेकिन बोलते समय आपकी हरकते सामने वाले व्यक्ति को irritate कर रही हो। तो वह आपको नजरअंदाज कर के signal देगा। आपको तभी समझ जाना चाहिए कि अब आपको अपनी बचपन की आदतें (हरकते) बंद कर देनी चाहिए
5 . Time of speaking
अब बात करते है कि आपको कम्युनिकेशन करते आपको कब बोलना चाहिए और कब नहीं बोलना चाहिए।
या तो यह हो सकता है कि कम्युनिकेशन की शुरुवात अपने की हो। तो जबतक आपको आपका जवाब नहीं मिल तब तक आपको नहीं बोलना चाहिए। जब आपको अपना जवाब मिल जाए फिर आप उसका सही से reply दे।
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